कपास में गुलाबी सुंडी से बचाव: कृषि विभाग की मुख्य सलाह
2025-07-30 17:01:37
किसान कपास की फसल को गुलाबी सुंडी ऐसे करें रक्षा, कृषि विभाग की खास सलाह
नारनौल (महेंद्रगढ़)। लगातार हो रही वर्षा के चलते कपास की फसल में गुलाबी सूंडी का प्रकोप होने का अंदेशा पैदा हो गया है। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक कृषि (डीडीए) देवेंद्र सिंह ने किसानों से गुलाबी सुंडी के संभावित प्रकोप से फसल को बचाने के लिए अत्यधिक सतर्कता बरतने का आग्रह किया है।
उन्होंने आगाह किया कि यह समय गुलाबी सुंडी के हमले के लिए संवेदनशील है, जो कपास के उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी कपास की फसल का नियमित और बारीकी से निरीक्षण करें ताकि गुलाबी सुंडी के शुरुआती लक्षणों को समय पर पहचाना जा सके।
रासायनिक छिड़काव: केवल अनुशंसित कीटनाशक ही उपयोग करें
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि कीट का प्रकोप बढ़ जाता है, तो किसानों को केवल कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा अनुशंसित कीटनाशकों का ही छिड़काव करना चाहिए। मनमाने ढंग से कीटनाशकों का प्रयोग न केवल अप्रभावी हो सकता है, बल्कि फसल और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
किसानों की जागरूकता और समय पर उचित कदम उठाना ही कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से बचाने और उनकी आय को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करेगा कि कपास की फसल स्वस्थ रहे और किसानों को उनकी मेहनत का पूरा फल मिल सके।
किसान इन संकेतों पर दें ध्यान * कलियों के अंदर लाल या गुलाबी इल्लियां: यह गुलाबी सुंडी की उपस्थिति का एक स्पष्ट संकेत है।
* फूटी हुई कलियां: सुंडी के हमले के कारण कलियां समय से पहले फट सकती हैं।
* छोटे कपास के डिंडों (बोल्स) में छोटे छेद: ये छेद सुंडी द्वारा किए गए नुकसान को दर्शाते हैं।
* मुरझाई हुई टहनियां और पत्ते: सुंडी के कारण पौधे के हिस्से मुरझा सकते हैं।
* पौधे पर काली चिपचिपी बूंदें (मधुस्राव): यह भी कीटों के हमले का एक संकेत हो सकता है।
फेरोमोन ट्रैप का उपयोग और कीटों की निगरानी गुलाबी सुंडी के प्रबंधन के लिए, डीडीए ने एक प्रभावी उपाय बताया है:
* फेरोमोन ट्रैप: प्रति एकड़ में दो फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
* नियमित जांच: हर तीन दिन में इन ट्रैप में फंसे कीटों की संख्या की जांच करें।
* तत्काल कार्यवाही: यदि लगातार तीन दिनों तक हर ट्रैप में 100 कीटों की संख्या बनी रहती है, तो यह गंभीर संक्रमण का संकेत है और तुरंत कार्रवाई करना अनिवार्य है।