महाराष्ट्र: कपास उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेष परियोजना
2025-07-30 13:15:04
महाराष्ट्र :कपास उत्पादकता: देश में कपास उत्पादकता बढ़ाने हेतु विशेष परियोजना
नागपुर : देश में कपास उत्पादकता बढ़ाने हेतु विशेष परियोजना के अंतर्गत एचडीपीएस (उच्च घनत्व प्लेटिंग प्रणाली) को बढ़ावा दिया गया। इस परियोजना के माध्यम से आठ राज्यों में कपास उत्पादकता में वृद्धि देखी गई है।
वर्धा के दिलीप पोहाणे ने 24 क्विंटल प्रति एकड़ का आंकड़ा पार किया। केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. विजय वाघमारे ने कहा कि यह इस परियोजना की एक बड़ी सफलता है।
कपास उत्पादकता वृद्धि परियोजना में शामिल वर्धा और नागपुर जिलों के किसानों के लिए सिटी सीडीआरए (भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ) द्वारा एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ. वाघमारे कपास अनुसंधान संस्थान के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला के अध्यक्ष के रूप में बोल रहे थे।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी डॉ. अरविंद वाघमारे, कपास उत्पादकता वृद्धि परियोजना के समन्वयक डॉ. अर्जुन तायडे, अमरावती संभागीय कृषि संयुक्त निदेशक उमेश घाटगे, वर्धा जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी डॉ. नलिनी भोयर, नगर सीडीआर परियोजना समन्वयक गोविंद वैराले उपस्थित थे। डॉ. वाघमारे ने आगे कहा कि सघन कपास खेती पद्धति के कारण कपास की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।
इसलिए इस वर्ष भी यह परियोजना कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। किसान दिलीप पोहाणे ने इससे 24 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादकता प्राप्त की। इसलिए, उनके प्रबंधन कौशल का अनुकरण करने की आवश्यकता है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि देश 2023 तक कपास के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
उनकी अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए, उन्होंने किसानों से कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए परियोजना में अपनी भागीदारी बढ़ाने की अपील की। डॉ. अर्जुन तायडे ने आठ राज्यों में परियोजना के कार्यान्वयन और उससे प्राप्त सफलता का विवरण प्रस्तुत किया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रामकृष्ण, डॉ. बाबासाहेब फड़, डॉ. शैलेश गावंडे, डॉ. मणिकंदन ने कपास प्रबंधन क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं की जानकारी दी। गोविंद वैराले ने परिचय देते हुए बताया कि पिछले दो वर्षों में महाराष्ट्र में परियोजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कैसे हुआ। कार्यक्रम का संचालन परियोजना अधिकारी जगदीश नेरलवार ने किया, युगांतर मेश्राम ने धन्यवाद ज्ञापन किया और अमित कवाडे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।