Cotton: सफेद सोने की चमक फीकी, मुहूर्त सौदों में MSP से नीचे लुढ़का भाव, किसानों के चेहरे मुरझाए,
कपास के नए सीजन की मुहूर्त बिक्री किसानों के लिए अच्छी नहीं रही है, क्योंकि उन्हें एमएसपी से लगभग 1500 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम मिले हैं। मध्य प्रदेश के अंजद और खरगोन की मंडियों में शुक्रवार को हुए मुहूर्त सौदों में कपास 6,500 रुपये से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिका। वहीं, सरकार ने कपास की एमएसपी 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय की है।
कपास के नए सीजन की मुहूर्त बिक्री किसानों के लिए अच्छी नहीं रही है, क्योंकि उन्हें MSP से लगभग 1500 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम मिले हैं। मध्य प्रदेश के अंजद और खरगोन की मंडियों में शुक्रवार को हुए मुहूर्त सौदों में कपास 6,500 रुपये से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव (Cotton Prices) पर बिका। वहीं, सरकार ने कपास की MSP 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय की है।
आयात शुल्क हटाने का असर व्यापारियों का कहना है कि यह गिरावट तय थी। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा कपास पर आयात शुल्क को 30 सितंबर तक खत्म करना और बाद में इस छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ा देना है। मुहूर्त बिक्री खेतों से कपास की आवक की एक प्रतीकात्मक शुरुआत होती है, लेकिन इससे भविष्य के रुझानों का भी संकेत मिलता है।
सरकारी हस्तक्षेप की संभावना मौजूदा रुझान संकेत दे रहे हैं कि खुले बाजार में दरें एमएसपी से काफी नीचे रह सकती हैं। आगामी दिनों में अगर ऐसी स्थिति बनी तो भारतीय कपास निगम को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है और किसानों से एमएसपी पर उपज खरीदनी पड़ सकती है। बता दें कि निगम किसानों से कच्चा कपास खरीदकर और प्रसंस्कृत गांठों को व्यापारियों को बेचती है। हाल ही में निगम ने अपनी बिक्री की दरों को और भी कम कर दिया है, जिससे कच्चे कपास की दरों में मंदी का रुख बना हुआ है।
किसानों का आर्थिक गणित टीओआई के अनुसार, एक सरकारी थिंक टैंक के पूर्व निदेशक किशोर तिवारी का कहना है कि एमएसपी पर कपास बेचकर मुनाफा कमाने के लिए किसानों को प्रति एकड़ कम से कम छह क्विंटल की उपज मिलनी चाहिए। प्राकृतिक आपदाओं जैसे कारणों से पैदावार लगातार घट रही है। एक एकड़ कपास की खेती पर लगभग 24,000 रुपये से 30,000 रुपये का खर्च आता है। 8,110 रुपये की एमएसपी पर 6 क्विंटल उपज बेचने पर किसान को 18,000 रुपये से 24,000 रुपये का ही मुनाफा होता है। यह मामूली मुनाफा किसानों को साल भर आर्थिक तंगी में रखता है।